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मोबाइल बैटरी और चार्जिंग को लेकर होने वाली 10 बड़ी अफवाहें, क्या है सच्चाई जानिए और बैटरी लाइफ को बढ़ाइए!

Mobile Battery

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मोबाइल बैटरी और चार्जिंग को लेकर होने वाली 10 बड़ी अफवाहें

आज के समय में मोबाइल हमारे जीवन का एक जरूरी हिस्सा बन चुका है। हर दिन हम अपने फोन को चैटिंग, सोशल मीडिया, गेम्स, वीडियो या काम के लिए इस्तेमाल करते है। ऐसे में फोन की बैटरी और चार्जिंग से जुड़ी बातों को जानना हमारे लिए बहुत जरूरी हो जाता हैं। लेकिन इंटरनेट और सोशल मीडिया पर कई ऐसी अफवाहें फैल चुकी हैं जिन पर लोग आंख बंद करके भरोसा कर लेते हैं।

लेकिन आज की इस पोस्ट में हम इन्ही सभी अफवाहों के बारे में बात करेंगे और पता लगाएंगे की मोबाइल बैटरी और चार्जिंग से जुड़ी कौन सी अफवाहें सच हैं और कौन-सी पूरी तरह झूठ।

Mobile Battery

1. फोन को रातभर चार्ज पर लगाकर रखने से बैटरी ख़राब हो जाती है, या फिर फ़ोन ब्लास्ट भी हो सकता है।

यह बात आधी सच है, और आधी झूठ।

पहले के जमाने में जो निकेल कैडमियम (NiCd) बैटरी आती थीं, उनमें यह प्रॉब्लम होती थी, जिसमे ओवरचार्ज से उनकी बैटरी लाइफ घट जाती थी।

लेकिन अब ज्यादातर स्मार्टफोन में लिथियम आयन (Li-ion) या लिथियम-पॉलीमर बैटरी होती है, जिनमें चार्जिंग सर्किट इतना स्मार्ट होता है कि जैसे ही बैटरी 100% होती है, वह अपने आप चार्जिंग रोक देता है।
इसलिए रातभर चार्जिंग पर छोड़ना नुकसानदायक नहीं है, लेकिन लंबे समय तक रोज ऐसा करने से बैटरी की हेल्थ थोड़ी कम हो सकती है। बेहतर यही है कि 80–90% तक चार्ज करके निकाल दें।

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2. फोन को बार बार चार्ज करने से बैटरी जल्दी खराब हो जाती है।

यह पूरी तरह से झूठी अफवाह है।

आज कल की लिथियम बैटरियों को बार बार चार्ज करने से कोई नुकसान नहीं होता। असल में, बैटरी को पूरी तरह डिस्चार्ज होने देना ज्यादा नुकसानदायक है।

मोबाइल कंपनियों के हिसाब से, मोबाइल को 20% से 80% के बीच चार्ज रखना बैटरी की लाइफ को बढ़ाता है। जिसका मतलब यह हुआ की आप दिन में दो तीन बार फ़ोन चार्ज कर सकते है।

3. चार्जिंग के दौरान मोबाइल इस्तेमाल करना खतरनाक है।

Phone on charge

यह बात भी आधी सच है।

अगर आप ओरिजिनल चार्जर और अच्छे क्वालिटी के केबल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो चार्जिंग के दौरान मोबाइल इस्तेमाल करना सुरक्षित है।
लेकिन अगर सस्ता लोकल चार्जर या डुप्लीकेट केबल यूज करते हैं, तो उसमें वोल्टेज फ्लक्चुएशन या ओवरहीटिंग का खतरा रहता है, जिससे फोन फटने जैसी घटनाएं हो सकती हैं।
इसलिए चार्जिंग के दौरान गेम खेलने या हैवी ऐप चलाने से बचें ताकि फोन ज्यादा गर्म न हो।

4. फोन  का गर्म होना मतलब बैटरी खराब हो गई है।

यह एक गलतफहमी है।

फोन का गर्म होना हर बार बैटरी खराब होने की निशानी नहीं है। जब आप गेम खेलते हैं, वीडियो एडिट करते हैं या कैमरा लंबे समय तक चालू रखते हैं, तो प्रोसेसर ज्यादा काम करता है जिससे फोन का तापमान बढ़ता है।
यह एक सामान्य बात है।

लेकिन, अगर फोन बिना इस्तेमाल किए भी बहुत गर्म होता है या पीछे का कवर फूलने लगता है, तो वह बैटरी की खराबी का संकेत हो सकता, अगर आप को ऐसी परेशानी हो रही है तो आपको तुरंत सर्विस सेंटर दिखाना चाहिए।

Mobile on charge

5. फास्ट चार्जिंग से बैटरी की लाइफ घट जाती है।

यह बात आधी सच है और आधी गलत है।

फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी जैसे 30W, 65W, और 100W में बैटरी तेजी से चार्ज होती है, जिससे थोड़ा तापमान जरूर बढ़ता है। लेकिन कंपनियां अब थर्मल मैनेजमेंट सिस्टम और बैटरी प्रोटेक्शन चिप्स को फ़ोन में लगाती हैं जो इस गर्मी को कंट्रोल करती हैं।

अगर आप ओरिजिनल चार्जर इस्तेमाल करते हैं तो फास्ट चार्जिंग से बैटरी पर बहुत हल्का असर पड़ता है, जो सामान्य है। लेकिन गलती तब होती है जब यूजर थर्ड पार्टी चार्जर या सस्ता एडाप्टर का उपयोग करते हैं।

6. फ़ोन को फुल चार्ज करने से पहले इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

यह बात पूरी तरह से गलत है।

फोन को हरबार 100% चार्ज करना जरूरी नहीं है। बैटरी को किसी भी लेवल पर चार्ज या डिस्चार्ज किया जा सकता है।

अगर आपके पास कम समय है तो 10 मिनट चार्ज करने से भी फ़ोन को किसी तरह का नुकशान नहीं होता, और इससे बैटरी को भी कोई नुकसान नहीं होता।

7. ऑफिशियल चार्जर के अलावा कोई दूसरा चार्जर यूज नहीं कर सकते।

यह बात आधी सच है, और आधी झूठ।

अगर आपका चार्जर किसी विश्वसनीय ब्रांड का है और उसका वोल्टेज और आउटपुट रेटिंग आपके फोन के अनुसार सही है, तो उसे इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन सस्ते या नकली चार्जर से फोन की बैटरी को नुकसान पहुंच सकता है, और बिजली के झटके या शॉर्ट सर्किट का भी खतरा हो सकता है।

इसलिए हमेशा ओरिजिनल या सर्टिफाइड चार्जर का इस्तेमाल करना चाहिए।

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8. फोन को चार्ज करते समय उसे एयरप्लेन मोड में रखने से जल्दी चार्ज होता है।

यह बात सही है।

एयरप्लेन मोड में रखने से फोन के नेटवर्क, Wi-Fi, Bluetooth जैसी बैकग्राउंड सर्विसेज बंद हो जाती हैं, जिससे बैटरी पर लोड कम होता है और चार्जिंग थोड़ा जल्दी होता है।

9. फोन की बैटरी को कभी पूरी तरह से खत्म नहीं होने देना चाहिए।

यह एक सही सलाह है।

लिथियम आयन बैटरी को पूरी तरह 0% तक डिस्चार्ज होने देना उसकी सेहत के लिए खराब है।

जब बैटरी 15–20% के आसपास कम हो जाए, तभी चार्ज कर लेना अच्छा रहता है। ऐसा करने से बैटरी ज्यादा समय तक सुरक्षित रहती है।

10. बैटरी के कैलिब्रेशन के लिए हर महीने बैटरी को 0% तक खत्म करना जरूरी है।

यह बात पुरानी बैटरी की टेक्नोलॉजी की सलाह है।

आज कल के स्मार्टफोन में बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (BMS) होता है, जो अपने आप खुद बैटरी को मॉनिटर करता है। जिससे अब हर महीने पूरी बैटरी खत्म करना जरूरी नहीं है, जबकि यह बैटरी की लाइफ कम कर सकता है।
लेकिन हाँ, अगर फोन गलत परसेंटेज दिखा रहा है जैसे की 50% दिखा कर अचानक बंद हो जाता है, तो एक बार पूरा चार्ज और डिस्चार्ज करना उपयोगी हो सकता है।

Conclusion

मोबाइल की बैटरी और चार्जिंग से जुड़ी ज्यादातर अफवाहें या तो आधी सच्चाई होती हैं या पुरानी टेक्नोलॉजी पर आधारित होती हैं।

आज की स्मार्ट बैटरियां और चार्जिंग सिस्टम इतने एडवांस हो चुके हैं कि वो खुद ओवरचार्ज, ओवरहीट या ओवरलोड जैसी परेशानियों से खुद को बचा सकते हैं।

बस जरूरत है सही जानकारी की और सही इस्तेमाल की।

इसलिए अगली बार जब कोई कहे कि “रातभर चार्ज पर मत लगाना” या “फास्ट चार्जिंग से फोन फट जाएगा”,
तो मुस्कुराकर कहिए, अब बैटरी भी स्मार्ट है, और मैं भी!

आपको हमारी जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके बताएं।

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