आज कल हम इंटरनेट पर इतना समय बिताता है कि हमें ये तक पता नहीं चलता कि हमारी कौनसी एक्टिविटी कौन देख रहा है। सोशल मीडिया, वेबसाइट्स या फिर मोबाइल ऐप लगभग हर जगह कोई न कोई हमारी जानकारी को अपने सिस्टम में बचा रहा होता है। ऐसे में अगर आप थोड़ा भी अपनी प्राइवेसी को लेके सीरियस हैं तो Tor Browser आपके बहुत काम आ सकता है।
आज की इस पोस्ट में हम Tor Browser को सही तरीके से कैसे इस्तेमाल करे, इस टॉपिक पर बात करने वाले है, और हम आपको इसके लिए कुछ Tips and Tricks भी देने वाले है।
आगे बढ़ने से पहले अगर आप यह जानना चाहते है की Tor क्या है और यह कैसे काम करता है तो आप हमारी यह पोस्ट पढ़ सकते है, जहाँ हमने Tor को बहुत आसान और सरल भाषा में समझाया है : Tor Browser क्या है? क्या ये Safe है? जानिए पूरा सच
तो चलिए, शुरू करते है,
Tor Browser को हमेशा ऑफिसियल साइट से ही डाउनलोड करें

सबसे पहली और सबसे जरूरी बात यह है की Tor को कभी भी किसी थर्ड पार्टी वेबसाइट या किसी अनजान लिंक से डाउनलोड न करें। Tor का काम सिक्योरिटी देना है, और नकली या मॉडिफाइड किया हुआ वर्जन अक्सर मालवेयर और ट्रैकिंग कोड्स के साथ आते हैं। ऐसा Tor सिर्फ नाम का ब्राउज़र होता है, जिसकी असली सुरक्षा टूट जाती है।
Tor Project की ऑफिसियल वेबसाइट पर ही Tor ब्राउज़र का असली वर्जन मिलता है जिस पर टेस्ट और सिक्योरिटी अपडेट के साथ जारी किया जाता है। इससे आपको भरोसा रहता है कि आप वही Tor उपयोग कर रहे हैं जो दुनिया भर के प्राइवेसी एक्सपर्ट्स इस्तेमाल करते हैं।
Tor Browser को हमेशा अपडेटेड रखें
Tor टीम लगातार इंटरनेट सिक्योरिटी में होने वाले अपडेट्स पर नज़र रखती है। जब भी कोई नया खतरा आता है, तो वह तुरंत उसके लिए पैच या अपडेट जारी कर देती है। अगर आपका Tor, Updated नहीं है, तो वह नए खतरों से आपको बचा नहीं पाएगा।
जब Tor Browser आपको अपडेट का मैसेज दिखाए, तो उसे कभी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
Security Level
Tor Browser में सिक्योरिटी के लिए Standard, Safer और Safest यह 3 लेवल दिए गए है।
अगर आप सिर्फ नार्मल ब्राउज़िंग कर रहे हैं, तो आपके लिए Standard Level ठीक है। लेकिन अगर आप सेंसेटिव रिसर्च, डार्कनेट एक्सेस या किसी ऐसी एक्टिविटी में लगे हैं जिसे प्राइवेट रखना चाहते हैं, तो आपको Safer level चुनना होगा।
Safest Level पर Tor कई वेबसाइटों की स्क्रिप्ट्स रोक देता है, जिससे मीडिया लोडिंग बंद हो जाती है और वेब टेक्नोलॉजी को कंट्रोल कर देता है जिससे ट्रैकिंग लगभग असंभव हो जाती है।
Tor Browser + VPN

आजकल बहुत लोग Tor + VPN को एक साथ इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बहुत कम यूजर्स को पता हैं कि इसका सही तरीका क्या है। अगर VPN गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो आपकी ट्रैकिंग भी हो सकती है।
Tor Browser + VPN का सही इस्तेमाल
Tor + VPN का सही इस्तेमाल करने के लिए पहले अपना VPN चालू करें, फिर Tor Browser खोलें। इससे आपका इंटरनेट प्रोवाइडर यह नहीं जान पाएगा कि आप Tor नेटवर्क इस्तेमाल कर रहे हैं।
यहाँ पर आपको एक बात ध्यान में रखनी चाहिए की फ्री VPN आपकी प्राइवेसी बेच सकता हैं। इसलिए अगर VPN जरूरी है, तो सिर्फ भरोसेमंद और सुरक्षित VPN का उपयोग करें।
अगर आप जानना चाहते है की आपके लिए कौन सा VPN सही रहेगा, तो हमने इस टॉपिक पर डिटेल में पोस्ट लिखी है जिसे आप यहाँ पढ़ सकते है : Top 5 Best Free VPN Apps for Android & iPhone
और अगर आप VPN को डीटेल में समझना चाहते है तो आप यह पोस्ट पढ़ सकते है : VPN क्या है, और यह कैसे काम करता है?
Tor Browser में पर्सनल अकाउंट कभी लॉगिन न करें
Tor को लोगों की प्राइवेसी बचाने के लिए ही बनाया गया है। लेकिन अगर आप Tor में अपने Google, Facebook, Instagram या ईमेल अकाउंट में लॉगिन करते हैं, तो आप खुद अपनी पहचान लीक कर देते हैं।
जैसे ही आप किसी पर्सनल अकाउंट में लॉगिन करते हैं, Tor की पूरी गुमनामी बेकार हो जाती है। इसलिए Tor का उपयोग सिर्फ उन कामों के लिए करें जहाँ पहचान छुपानी जरूरी हो।
Full Screen मोड से बचें
Tor Browser बार-बार चेतावनी देता है कि Full Screen मोड आपकी डिवाइस का स्क्रीन फिंगरप्रिंट लीक कर सकता है। हर डिवाइस का स्क्रीन साइज अलग होता है, और जब वेबसाइट को यह पता चलता है, तो आपको ट्रैक किया जा सकता है।
इसी तरह Tor में स्क्रीनशॉट भी न लें क्योंकि सिस्टम फाइलों में आपकी एक्टिविटी का सबूत रह सकता है।
Tor Bridges
भारत के साथ साथ दुनिया के कई देशों में Tor को कुछ हद तक ब्लॉक किया जाता है। कई स्कूलों, ऑफिसों या सोशल नेटवर्क पर भी Tor चलाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे समय Tor Bridges आपकी मदद करते हैं।
Tor Bridges आपके Tor ट्रैफ़िक को सामान्य ट्रैफिक जैसा दिखाते हैं, जिससे नेटवर्क यह पहचान नहीं पाता कि आप Tor का उपयोग कर रहे हैं।
अगर आपको कभी लगे कि Tor काम नहीं कर रहा है, तो सेटिंग्स में जाकर Bridges को चालू कर दें, जिससे आपका Tor फिर से चलने लगेगा।
Tor Browser में हमेशा HTTPS वेबसाइटों का उपयोग
HTTPS वेबसाइटें आपके डेटा को एन्क्रिप्ट करती हैं। लेकिन अगर आप किसी HTTP साइट यानी बिना सुरक्षा वाली वेबसाइट पर जाते हैं, तो Tor के आखरी नोड की मदद से आपकी एक्टिविटी ट्रैक की जा सकती है।
Tor Browser खुद भी HTTPS साइट को priority देता है, लेकिन फिर भी आपको URL देखते रहना चाहिए।
Tor Browser में फाइल डाउनलोड करने से बचें
Tor में फाइल डाउनलोड करने से खतरा 90% तक बढ़ सकता है। क्यों की कई फाइलों में ट्रैकिंग स्क्रिप्ट्स होती हैं। कई बार फाइल खोलते ही आपका असली IP किसी न किसी तरीके से लीक हो सकता है।
अगर फाइल डाउनलोड करना जरूरी हो, तो उसे सीधे अपने मैं सिस्टम पर न खोलें, उसे या तो वर्चुअल मशीन का उपयोग करें या फिर संदबॉक्सका इस्तेमाल करें।
Tor Browser – Mobile App
मोबाइल में Tor का इस्तेमाल करना डेस्कटॉप से ज्यादा जोखिम भरा है। क्यों की मोबाइल के बैकग्राउंड सिस्टम में चलने वाली ऍप्स लोकेशन ट्रैक करती रहती हैं और कई बार पर्सनल इनफार्मेशन सिस्टम में सेव रहती है।
इसलिए हंमेशा मोबाइल में Tor का इस्तेमाल करते समय अपना लोकेशन बंध रखें और बिन जरूरी ऍप्स को बैकग्राउंड में चलने से रोकें।
New Identity
Tor Browser में New Identity एक ऐसा फीचर है जो आपके लास्ट Session की हर चीज़ को पूरी तरह डिलीट कर के नया Session शुरू करता है।
New Identity से कुकीज़, ब्राउज़िंग पैटर्न, कैश, और साइट डेटा सब मिट जाता है।
Conclusion
2026 में इंटरनेट पर पूरी प्राइवेसी तभी हो पाएगी जब आप खुद स्मार्ट बनकर ब्राउज़िंग करेंगे। Tor Browser आपको Anonymity देने का सबसे भरोसेमंद और पावरफुल तरीका है, लेकिन सही सेटिंग्स, सही आदतें और सही टूल्स का इस्तेमाल आपकी सुरक्षा को 100% तक मजबूत बनाता है।
Tor को हमेशा अपडेटेड रखें, अननेसेसरी अड्डोंस और रिस्की डाउनलोड न करें, और कभी भी पर्सनल एकाउंट्स का इस्तेमाल Tor पर कभी न करें, ये छोटे छोटे स्टब ही आपकी आइडेंटिटी को लीक होने से रोकते हैं।
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